मुजम्मिल अहमद |
|
अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था मानस संगम द्वारा मोतीझील कानपुर स्थिति तुलसी उपवन में तैंतालिसवें तुलसी जयंती समारोह मनाया गया |
कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति संगीत अर्चना से हुई, कविता सिंह के निर्देशन में लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी के बच्चों की भजन प्रस्तुति एवं आचार्य योगेश जी महाराज की राम स्तुति एवं कजरी गायन के साथ ही सपना बनर्जी के भक्ति संगीत नें श्रोताओं को खूब लुभाया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा - _रामचरितमानस प्रेम की परिभाषा है | राम को प्रेम करो कृष्ण से प्यार करो, छोटों बड़ों और परिवार से प्यार करो, पुष्प और प्रकृति से प्यार करो ये ही रामचरितमानस है |_
तुलसी को याद करने के लिए अयोध्या से कानपुर पधारे आचार्य डॉ• चंद्राशु जी महाराज नें कहा - _जीवन के साथ मृत्यु भी सच है | कौन कहेगा कि गोस्वामी तुलसी दास नहीं है, कौन कहेगा स्वामी विवेकानंद नहीं है इसी तरह मैं कहूँगा बद्री नारायण तिवारी जी भी अपने संस्कृतिक सुगमता के जरिए हमारे बीच में हैं | भारत नें कभी किसी देश पर प्रथम आक्रमण नहीं किया ये प्रेरणा रामचरितमानस और राम के चरित्र से ही प्राप्त होती है | सीता माता की सुरक्षा में प्राण समर्पित करनें वाले जटायु जी महाराज से नवयुवकों को प्रेरणा लेनी चाहिए |
सांसद रमेश अवस्थी ने कहा - _तुलसीदास सामाजिक समरसता के प्रतीक थे | आज राम को ना मानने वाले अयोध्या धाम ना जानने वाले भी अब संसद में रामचरित मानस की चौपाई "हुईए वो ही जो राम रचि राखा" पढ़ते हैं यह राम का प्रभाव ही है |
सांसद देवेंद्र सिंह भोले नें कहा _मैं कानपुर स्टेशन से सीधा यहाँ आया, इस कार्यक्रम में सुबह आना एक सामाजिक संदेश होता है | जिसकी शुरुवात स्मृति शेष डॉ• बद्री नारायण तिवारी जी नें की थी |
विधान परिषद सदस्य सलील विश्नोई नें कहा _मेरी राजनैतिक शुरूवात बद्री नारायण तिवारी जी के सहयोग से इसी मंच से हुई थी, उनकी कमी भविष्य में कोई जल्द पूरी ना कर सकेगा |
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल जी ने भगवान राम के चारित्रिक विवरण पर प्रकाश डालते हुए उदबोधन के साथ कार्यक्रम का अंत किया |
कार्यक्रम में पहली बार डॉ• बद्री नारायण तिवारी स्मृति सम्मान 2024 कत्थक नृत्य कला क्षेत्र में अग्रिणी श्रीमती सीमा ढींगरा को प्रदान किया गया |
समारोह के तृतीय चरण में कविवर श्री रामायण धर दुवेदी (अयोध्या धाम), दीन मोहम्मद दीन (मैनपुरी), दिलीप दुबे, विश्वनाथ तिवारी विश्व (उन्नाव) आदि नें अपनी रचनाओं के माध्यम से
तुलसी जी को काव्यांजलि समर्पित की...
कार्यक्रम संयोजक मानस संगम सचिव विजय नारायण तिवारी 'मुकुल' ने किया व संचालन डॉ• प्रदीप दीक्षित ने किया | कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में _एम•एल•सी• अरुण पाठक, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, पार्षद पवन गुप्ता, कवि रामनारायण धर दुवेदी के साथ ही मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्त्ता मनोज सेंगर, रीता शास्त्री, दीपू पाण्डेय, आचार्य पीयूष जी, सुरेश गुप्ता, उमंग अग्रवाल, अभिनव तिवारी, अशोक मिश्रा, सतीश तिवारी, मयंक शुक्ल, राम गोपाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे | |
|
|