मुजम्मिल अहमद |
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मर्चेंट चैंबर ऑफ उत्तर प्रदेश, द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (GJEPC ), फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाईजेशन (FIEO), उप्र सर्राफा एसोसिएशन एवं डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ ऑडिट के संयुक्त तत्वाधान में "पीएमएलए, 200 2 के प्रावधानों, लेखापरीक्षा के लिए इसकी आवश्यकताओं और अनुपालन" पर आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरम्भ श्री अशोक सेठ, रीजनल चेयरमैन, जेम एंड ज्वेलरी EPC, श्री महेश चंद्र जैन, अध्यक्ष, उप्र सर्राफा एसोसिएशन, श्री रमेश कुमार, एडिशनल डायरेक्टर जनरल, डी जी ऑडिट, दिल्ली जोन, सीबीआईसी, श्री तरुण गर्ग, चेयरमैन, एक्सपोर्ट & इंपोर्ट समिति, श्री राज कुमार सिंह, असिस्टेंट डायरेक्टर, श्री बृजेश गुप्ता, एडिशनल असिस्टेंट डायरेक्टर, श्री अभिमन्यु महरा, इंस्पेक्टर द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया.
सत्र के मुख्य वक्ता श्री रमेश कुमार द्वारा पीएमएलए 2002 पर प्रकाश डाला गया. उन्होंने बताया मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और मनी लॉन्ड्रिंग के ज़रिए हासिल की गई संपत्ति को जब्त करने के लिए भारतीय संसद ने 2002 का मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) पारित किया था। यह अधिनियम 1 जुलाई, 2005 को लागू हुआ था। PMLA के तहत बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और बिचौलियों को ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने, रिकॉर्ड रखने और FIU-IND को जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है। यह अधिनियम सरकार या सार्वजनिक प्राधिकरणों को अवैध रूप से प्राप्त आय से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी देता है।
श्री राज कुमार सिंह, सहायक निदेशक, श्री बृजेश गुप्ता, अतिरिक्त सहायक निदेशक और श्री अभिमन्यु मेहरा, निरीक्षक, लेखा परीक्षा महानिदेशालय, दिल्ली क्षेत्रीय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) पीएमएलए 2002 पर पावर पॉइंट के द्वारा प्रस्तुति दी.
सत्र के संचालन श्री महेंद्र मोदी, सचिव, मर्चेंट्स चैम्बर द्वारा किया |
धन्यवाद प्रस्ताव श्री आलोक श्रीवास्तव द्वारा दिया गया |
सत्र के अंत में शंका समाधान सत्र भी आयोजित किया गया जिसमे लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नो के उत्तर आये हुए गणमान्यों द्वारा दिए गए |
इस अवसर पर चैंबर के सदस्य राजेश मेहरा, दीपक गुप्ता, राजेंद्र मिश्रा, पदम् अग्रवाल, ललित वोहरा, राम किशोर आदि उपस्थित रहे| |
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