वरुण सुल्तानिया |
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किदवई नगर स्थित महिला महाविद्यालय एवं विकासिका संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की जयंती के
उपलक्ष्य में विद्यालय परिसर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हरिश्चंद्र जी का हिंदी साहित्य में योगदान पर प्रकाश डालना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रहीं हिंदी संस्थान, लखनऊ की प्रधान संपादक अमिता दुबे द्वारा दीप प्रजवल्लन एवं मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे डॉ के के शुक्ला द्वारा अपने संबोधन में भारतेंदु के जीवन पर प्रकाश डालते हुए हिंदी लिखने की शुरुआत से हिंदी के साहित्य के सागर में परिवर्तित होने की कथा को रोचक रूप से प्रस्तुत किया गया।
इसी क्रम में डॉ विनोद त्रिपाठी द्वारा संस्थान के सामाजिक तथा साहित्यिक सरोकारों पर प्रकाश डालते हुए ऐसी गोष्ठियों को आधिकारिक करने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम संयोजक अक्षत व्योम द्वारा विषय प्रवर्तन करते हुए भारतेंदु जी के मंडल के विषय में तथा उनके द्वारा स्त्री विमर्श को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए गए।तत्पश्चात डॉ रश्मि चतुर्वेदी तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ लक्ष्मीकांत पांडे द्वारा भारतेंदु जी के हिंदी के उत्थान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने की गाथाओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण छात्राओं द्वारा प्रस्तुत शोध पत्र रहे। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या अंजू चौधरी द्वारा विकासिका संस्थान तथा सभी अतिथियों को उनके विचारों की अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ ज्योति किरण द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उक्त अतिथियों एवं प्रवक्ताओं के साथ साथ डॉ सुरेश अवस्थी, लोकेश शुक्ला, जहां सिंह, के के अवस्थी, इरशाद कानपुरी, राम नरेश चौहान, सुनीता तिवारी, दुर्गा बाजपेई, मनोज मिश्रा, जगदंबा वाजपेई, सुरेंद्र गुप्ता सीकर, सुरेश राजहंस, अजय मदहोश, अनिल त्रिपाठी, सुनील बाजपेई, अजीत राठौर, चंद्रशेखर वाजपेई, अन्नपूर्णा वाजपेई के साथ-साथ महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण/कर्मचारीगण तथा समस्त छात्रागण मौजूद रहे। |
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