राजीव मिश्रा |
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बढ़ती हुई साइबर असुरक्षा और इससे संबंधित ज़रूरी जानकारी को प्रसारित करने हेतु क्राइस्ट चर्च कॉलेज के भौतिकशास्त्र विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 19.10.2024 को कॉलेज के सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में किया गया । इस कार्यक्रम का विषय था “साइबर सुरक्षा : वैश्विक आशंकाओं के युग में भारत के डिजिटल सीमान्त का सुदृढीकरण” और इसका मूल उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को साइबर खतरों से अवगत कराते हुए उनसे बचाव के उपायों की जानकारी देना था ।
इस कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र से संबंधित तीन प्रमुख विशेषज्ञ उपस्थित थे । उनके द्वारा दी गई विशिष्ट जानकरियों से डिजिटल युग में सावधानीपूर्वक कार्य करने के विषय में विस्तार से बताया गया । इससे छात्रों में अपने डिजिटल पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सचेतता का प्रसार होगा ।
कार्यक्रम में इन मुख्य बिन्दुओं पर बल दिया गया –
साइबर आशंकाओं और खतरों (फ़िशिंग, मालवेयर, रेनसमवेयर) की समझ विकसित करना
डेटा सुरक्षा और पासवर्ड प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रथाएँ व उपाय
सुरक्षित ब्राउज़िंग और सोशल मीडिया के निरापद प्रयोग की आदत
साइबर हमले को पहचानने की समझ
ऐसी घटना होने पर उचित प्रतिक्रिया और उसकी सही रिपोर्टिंग की प्रक्रिया
पारंपरिक दीप-प्रज्वलन से कार्यक्रम आरंभ करने के उपरांत सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत भौतिकशास्त्र विभाग के प्रभारी प्रोफ़ेसर सत्यप्रकाश सिंह द्वारा किया गया । उन्होंने अपने संबोधन में आज के समय में डिजिटल खतरों के प्रति सचेत व सतर्क रहने की महती आवश्यकता पर बल दिया । साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे खतरों से निपटने और अपनी डिजिटल संपदाओं को सुरक्षित रखने की सही जानकारी छात्रों को होना आज के समय की मांग है ।
कॉलेज के प्राचार्य प्रोफ़ेसर जोसेफ़ डेनियल ने अपने वक्तव्य में साइबर सुरक्षा के महत्त्व पर बल देते हुए कहा कि साइबर खतरों से बचाव का सही उपाय उचित रूप से प्रसारित सामूहिक जानकारी ही है और इसी उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन आज किया गया है । उन्होंने छात्रों को उत्साहित करते हुए कहा कि अपनी साइबर जानकारी बढ़ाने और सुरक्षित डिजिटल उपयोग करने के लिए वे इस कार्यक्रम में सक्रियता से भाग लेकर संवाद करें ।
कार्यक्रम के मुख्य विशेषज्ञ वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदुओं पर छात्रों का दिशा निर्देश किया ।
विशिष्ट अतिथि - प्रोफ़ेसर राजेश कुमार द्विवेदी, निदेशक, सी डी सी, सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय, कानपुर
प्रो. द्विवेदी ने साइबर खतरों के बढ़ते संजाल के बारे में बताते हुए इनके प्रति सावधान रहने की सलाह छात्रों को दी । साथ ही यह भी बताया कि ये साइबर हमले अब और जटिल रेनसमवेयर और सोशल इंजीनियरिंग का रूप धारण कर रहे हैं । इसी सन्दर्भ में उन्होंने सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित “साइबर सिक्योरिटी” वोकेशनल कोर्स की चर्चा करते हुए उसे इस समय की आवश्यकता के बहुत अनुकूल और छात्रों के लिए बहुत उपयोगी बताया ।
मुख्य अतिथि - मो. मोहसिन खान, ए सी पी, साइबर क्राइम, पुलिस कमिश्नरेट, कानपुर
श्री मोहसिन खान ने छात्रों को समझाने और साइबर खतरों की गहनता बताने के लिए कानपुर में घटित हाल के साइबर क्राइम संबंधी केस के जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किये । रोज़ के जीवन में घटने वाली साइबर क्राइम की घटनाओं के निस्तारण के लिए यह ज़रूरी है कि तकनीक का प्रयोग समझदारी, सावधानी और सतर्कता के साथ किया जाए ।
विषय विशेषज्ञ – प्रोफ़ेसर राबिन्स पोरवाल, यू आई ई टी, सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय, कानपुर
प्रो. पोरवाल ने अपने बहुत सारगर्भित वक्तव्य में साइबर सिक्योरिटी से संबंधित नियमों और नियामक एजेंसियों के विषय में विस्तार से बताया । उनके अनुसार सही जानकारी और सतर्क प्रतिक्रिया ही साइबर क्राइम को निष्फल करने का सबसे अच्छा तरीका है । इसलिए छात्रों को साइबर हमलों से बचाव के लिए ज़रूरी जानकारी सचेत और सचेष्ट होकर प्राप्त करनी चाहिए ।
यह कार्यक्रम अत्यंत समयानुकूल और बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ । छात्रों और शिक्षकों ने अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की और सभी विशेषज्ञों से खुलकर संवाद किया जिससे अनेक भ्रम दूर भी हुए और सही सूचनाओं का प्रसारण हुआ । साइबर सुरक्षा आज के समाज में रोज़मर्रा के जीवन से बहुत निकटता से जुड़ी है और इसके विषय में बहुत ज्ञानवर्धक एवं विषयानुकूल कार्यक्रम आज संपन्न हुआ ।
इस कार्यक्रम में विविध विभागों के शिक्षक उपस्थित थे – डॉ. श्वेता चंद, डॉ. मनीष कपूर, डॉ. अनिंदिता भट्टाचार्य, डॉ. संजय सक्सेना, डॉ. नवीन अम्बष्ट, डॉ. सुजाता चतुर्वेदी, डॉ. आर. के. जुनेजा आदि । कार्यक्रम का समापन करते हुए भौतिकशास्त्र विभाग के डॉ. आशुतोष कुमार, ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, जो क्राइस्ट चर्च कॉलेज में ‘साइबर सिक्योरिटी’ वोकेशनल कोर्स के समन्वयक भी हैं । इस कार्यक्रम को सफल और रोचक बनाने हेतु उन्होंने प्रबुद्ध वक्ताओं, प्राचार्य महोदय, समस्त शिक्षकों और छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया ।
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