Dr.Megha kumari |
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दिनांक 13.11.2024 दिन बुधवार को 12:00 बजे संस्कृत विभाग जुहारी देवी गर्ल्स पी० जी० कॉलेज, कानपुर द्वारा जीवन साफल्य का सूत्र गीता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ तमसो मा ज्योतिर्गमय की भावना से गणमान्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
दीप प्रज्जवलन के साथ ही मां शारदे को माल्यार्पण कर कार्यक्रम के सफलता की कामना की गयी। संगीत एवं संस्कृत विभाग की छात्राओं ने डॉ० मोहिनी शुक्ला के निर्देशन में संस्कृत में सरस्वती वन्दना सुमधुर लय ताल के साथ प्रस्तुत की "जय जय हे भगवति सुरभारति" गीत से सभागार का वातावरण मधुर व शान्त भावों से युक्त हो गया। कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुये अतिथि देवो भव के भाव से ओतप्रोत होकर अतिथियों को तुलसी का पौधा तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसी कम में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० रन्जू कुशवाहा जी ने अतिथियों का स्वागत वाणी रूप पुष्पों से किया उन्होने कहा कि गीता हमारे जीवन को सकारात्मक गति प्रदान करने वाला ग्रन्थ है। तत्पश्चात् संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो० शालिनी अग्रवाल ने मुख्यवक्ता प्रो० प्रदीप दीक्षित जी का परिचय प्रदान कर उन्हे वक्तव्य के लिये आमन्त्रित किया मुख्य वक्ता ने गीता के उन पक्षों को निपुणता से उजागर किया जो मानव जीवन में सफलता प्रदान करने के लिये अति आवश्यक है। कार्यक्रम के संरक्षक श्री आशीष सिंह चौहान जी ने अपने आशीर्वचन से सभागार को अभिसिंचित किया तथा कहा कि गीता की मानव विकास में महती आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संयोजन प्रो० शालिनी अग्रवाल ने किया कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षा शास्त्र विभाग की शिक्षिका डॉ० पूनम मिश्रा ने किया। महाविद्यालय की शिक्षिकाओं में डॉ० ज्योतिर्मयी त्रिपाठी, प्रो० ज्ञान प्रभा अग्रवाल, प्रो० सुनीता द्विवेदी, प्रो० अल्पना राय, प्रो० अर्चना दीक्षित तथा अन्य समस्त शिक्षिकाओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी। महाविद्यालय की छात्राओं ने कार्यक्रम में उत्साह के साथ प्रतिभागिता की। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो० शालिनी अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। |
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