ब्रह्मावर्त महाविद्यालय द्वारा गोष्ठी का आयोजन
      10 February 2025

वरुण सुल्तानिया
मंधना स्थित ब्रह्मावर्त महाविद्यालय द्वारा एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न कोनों से पधारे ख्यातिलब्ध विद्वानों द्वारा भारत के पास वेद, पुराण, उपनिषद, दर्शन, स्मृतिग्रंथ, रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवतगीता आदि के रूप में विद्यमान साहित्यिक निधि पर चर्चा-परिचर्चा करना रहा।
कार्यक्रम की विस्तार से बात करें तो मुख्य अतिथि के रूप में पधारे सी.एस.जे.एम विश्वविद्यालय के सी.डी.सी प्रो राजेश द्विवेदी द्वारा अपने संबोधन में भारत को विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त होने का कारण भारत की आधुनिक उपलब्धियां नहीं अपितु भारत की प्राचीन उन्नत गौरवशाली संस्कृति एवं ज्ञान विज्ञान को बताया गया। प्रो विवेक द्विवेदी द्वारा अपने संबोधन में भारत की उपलब्धियों में शामिल सिंधु घाटी सभ्यता का उदाहरण देते हुए बताया गया कि तब अधिकतर सभ्यताएं केवल वनवासी थीं।

डॉ मुरलीधर गुप्ता द्वारा बताया गया कि भारत के विश्व को संस्कृत भाषा रूपी उपहार प्रदान करने तथा इस भाषा की उपयोगिता के कारण यह कीर्तिमान फोर्ब्स पत्रिका तक में दर्ज है एवं संस्कृत को सभी यूरोपीय भाषाओं की जननी तथा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विपित्य कटियार द्वारा अपने संबोधन में कार्यक्रम में पधारे समस्त विशिष्ट अतिथिगण को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) पर प्रकाश डालते हुए इसे ज्ञान विज्ञान तथा इसमें शामिल भारतीय वाड़न्य के रूप में वेद, उपनिषद् आदि के कारण इसे जीवन दर्शन के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित बताया गया। डॉ कटियार द्वारा आईकेएस को नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए इसका प्रस्तुतिकरण पूर्व गरिमा के साथ होने की बात पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम में संगोष्ठी के अतिरिक्त दो मौखिक एवं दो पोस्टर प्रस्तुति का प्रदर्शन तथा 21 ख्यातिलब्ध विद्वानों के व्याख्यान के साथ-साथ 200 प्रतिभागियों के शोध पत्रों का वाचन एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन शामिल रहा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सूर्यकुमार दीक्षित, प्रयाग नारायण मिश्रा, प्रदीप कुमार सिंह एवं बी.डी. पांडे के साथ-साथ महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण, कर्मचारीगण तथा छात्र-छात्रागण मौजूद रहे।
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