प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हू-विष्णु सक्सेना
      31 October 2022

दिलीप कुमार मिश्रा (संवाददाता)
मून और मार्क्स रिसॉर्ट, रूमा, महराजपुर मे काव्य गंगा कार्यक्रम के तहत (विशाल कवि सम्मेलन) आयोजन किया गया।
जिसमे देश के विख्यात कवि डाक्टर विष्णु सक्सेना, गजेन्द्र पियूष, शम्भू शिखर, हाजिम फिरोजाबादी भावनी मोहन ने शिरकत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप पज्वलित कर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डाक्टर विष्णु सक्सेना ने मां सरस्वती वंदना प्रस्तुति किया।
*कवि शम्भू शिखर* ने सरकार व मंहगाई पर तंज कसते हुए कहा कि
जुल्फो पर अगुलिया फिराने नही देते, कलियो के पास भंवरो को जाने नही देते आदि कविताए पर ताली बजाने पर मजबूर किया।
*विष्णु सक्सेना* ने हमे कुछ पता नही हम क्यो बहक गये है,
प्यास बुझ जाये तो शबनम खरीद सकता हू, ये मानता हू, मै दौलत नही कमा पाया, लेकिन तुम्हारा हर गम खरीद सकता हू आदि मोहब्बत की कविताए सुनकर आये लोगो ने जमकर ताली बजाकर हौसला अफजाई किया।
कवि *गजेंद्र पियूष* ने अपने काव्य पाठ मे कहा कि
निर्मोही कैसे साजन हो गये आदि गीत सुनकर पूरे पंडाल तालियो से गूंज उठा।
फिरोजाबाद से आये कवि *हाशिम फिरोजाबाद* ने कहा कि आप बहुत अच्छा सुनेंगे यह हमारा विश्वास है
न दुश्मनी न ना आदाब मे मेरा ,हम मोहब्बत मे मारा जाऊंगा, चैन मिलता नही न दिन रैन मे तुम न हो आदि गीत प्रस्तुति किये।
*कवियित्री भावनी मोहन* ने अपनी कविता
उन्होने बड़ी गहराई मे जाकर अंदर से चुराई है आदि सुनकर आये लोगो ने लुत्फ उठाया।
मंच का संचालन
भावनी मोहन ने किया।
इस कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से कडक फैमली के विनोद गुप्ता, गौरव गुप्ता,पूनम गुप्ता
व मून और रिसाट की टीम ने आयोजित किया।
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