श्री सतीश महाना, अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तर प्रदेश जी का ‘सम्मान-समारोह’ एवं “राजनीतिक जीवन से परे ; - एक वार्ता (Felicitation and Talk Show - Life Bey
      01 November 2022

( स्वैच्छिक दुनिया ) ब्यूरो
मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा  सतीश महाना, अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तर प्रदेश, जी के सम्मान में एवं  उनके राजनीतिक जीवन से परे (Felicitation and Talk Show - Life Beyond Politics) पर
एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था। मर्चेंट्स चैम्बर के इतिहास में प्रथम बार इस तरह का एक अनूठा एवं स्वर्णिम आयोजन किया गया।
   
मर्चेंट्स चैम्बर के अध्यक्ष श्री अतुल कनोडिया ने माननीय श्री सतीश महाना जी, अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तर प्रदेश, जी का कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य समय देने के लिए पदार्पण विशेष आभार व्य क्त किया।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. महेन्द्र मोहन गुप्त, पूर्व सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष, म र्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ़ उत्तर प्रदेश, सभागार मे उपस्थित शासन व प्रशासन के प्रतिनिधि, समस्त अ तिथिगण, मर्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ़ उत्तर प्रदेश के सदस्यगण, प्रेस एवं मीडिया से पधारे पत्रकार  एवं छायाकार बन्धुओं, का मर्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ़ उत्तर प्रदेश के गौरवशाली 90वें वर्ष के  उल्लहासपूर्ण समारोह एवं विशेष वार्ता में सभी का सादर स्वागत, अभिनन्दन एवं वंदन किया।  आप सभी महानुभावों ने अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपने ही मध्य उपजे कमल, ओजस्वी वक्ता, एवं शनै मुस्कान वाले व्यक्तित्व के विचारों से लाभान्वित होने हेतु यहाँ पधारकर निश्चय  ही मर्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ़ उत्तर प्रदेश को सम्मानित किया है। वैसे तो मैं चेंबर के काउंसिल के एवं चेंबर के प्रत्येक सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं परंतु इस कार्यक्रम को धरातल पर लाने एवं सफल बनाने में मैं, डॉ अवध दुबे, श्री सुधींद्र जैन, डॉ ए.एस प्रसाद, एवं डॉक्टर अतुल कपूर जी को विशेष आभार व्यक्त करता हूं। आज के इस कार्यक्रम को श्री सतीश महाना जी के राजनीतिक जीवन से परे एक पारिवारिक दोस्ती एवं एक अन्य शैली में आयोजित किया गया है। इसमें हम सभी श्री महाना जी के जीवन को और गहराई से जानने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर श्री कनोडिया ने श्री महाना जी से कानपुर के उद्योगों को और विस्तार देने देने का निवेदन किया और कहा कि B.I.C. और N.TC. की कई एकड़ जमीन खाली पड़ी है । जिस पर हम लगभग 10,000 करोड़ की लागत से औद्योगिकरण कर सकते हैं जो हमारे
यूथ एवं प्रतिभावान व्यक्तियों को कानपुर में ही रोकने का द्योतक होगा। 
 
सत्र में मर्चेंट्स चैम्बर से जुड़े नए सदस्यों:
- डॉ. विकास शुक्ला,  - आर.के. देवी मेमोरियल से डॉ. गौरव दुबे
- करन होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड से श्री करन गर्ग - गोपी अपर्टमेंट से श्री राजीव अग्रवाल
- बी.आर. एंटरप्राइज से श्री पंकज गुप्ता एवं स्पेस डिज़ाइनर्स ग्रुप से श्री अरुण कुमार सचान
का स्वागत श्री सतीश महाना जी द्वारा चेंबर की सदस्यता इंगित करने वाली लापेल पिन पहनाकर 
किया गया।
 
इस अवसर पर चेंबर द्वारा प्रकाशित की जाने वाली मेंबर्स डायरेक्टरी का अनावरण श्री सतीश महाना जी के 
शुभ हाथों द्वारा कराया गया।
 
सत्र के विशिष्ट-अतिथि डॉ. महेंद्र मोहन गुप्त, पूर्व अध्यक्ष, मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश, ने कहा कि मैं बहुत ज्यादा नहीं बोलते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए निवेदन करूंगा। श्री महेंद्र मोहन जी ने श्री सतीश महाना जी को अपना बेटा बताया और इस विशेष पदार्पण के लिए  धन्यवाद किया। चैम्बर के सदस्य डॉ अतुल कपूर ने श्री सतीश महाना जी का परिचय दिया सतीश महाना जी को उपहार स्वरुप भेंट किये जाने वाले प्रशस्ति-पत्र का वाचन चैम्बर के कौंसिल मेंबर के सदस्य श्री विजय पांडे ने किया। 
 
मर्चेंट्स चैम्बर अध्यक्ष श्री अतुल कनोडिया एवं उपाध्यक्ष श्री अभिषेक सिंहानिया ने प्रशस्ति-पत्र उपहार स्वरूप श्री सतीश महाना जी को सहृदय भेंट किया। मर्चेंट चेंबर के उपाध्यक्ष श्री अभिषेक सिंघानिया ने श्री सतीश महाना जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वास्तव में आपका हमारे ऐतिहासिक प्रांगण में पदार्पण हम सबके लिए बड़े गर्व की बात है कि आज हमारे मध्य में एक ऐसी विभूति उपस्थित हुई है, जिसके गुणों और मुस्कान की चर्चा हमारे मध्य हमेशा होती रहती है। हम सब यह भली-भाँति जानते है कि आप हमारे लिए एक बड़े भाई एवं मार्गदर्शक के रुप में सदैव उपस्थित है, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। इस अवसर पर श्री सिंहानिया ने चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेंद्र मोहन गुप्त जी एवं चैम्बर के सदस्यों एवं उनके परिवारों का हार्दिक धन्यवाद दिया।  
राजनीतिक जीवन से परे ;- वार्ता (Talk Show - Life Beyond Politics) सत्र का संचालन चेंबर के काउंसिल के सदस्य डॉ अवध दुबे ने सत्र की रूपरेखा का वर्णन करते हुए प्रारंभ किया। डॉ दुबे ने बताया कि आज के इस निरंतर दौड़ते-भागते हुए जीवन में जहां हमारा जीवन यंत्रीकृत हो गया है, जाने-अनजाने में हमने अपने लिए समय ही नहीं छोड़ा है या बहुत काम समय स्वयं दे  पा रहे है, वहीँ हमारे मध्य एक कमल ऐसे भी है जो सदैव अपनी मन्द मुस्कान के साथ हम सभी को आनंदित करते रहते है और हमारे लिए एक बेंचमार्क निर्धारित कर दिया है कि हम किस प्रकार से अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं और साथ ही अपने पेशेवर जीवन के अतिरिक्त समाज में सामंजस्य व्यवस्थित तरीके से स्थापित कर सकते हैं। आज के क्षेत्र में हम सभी लोग अपने राज्य के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यस्ततम व्यक्तित्व से  यह सीखने का प्रयास करेंगे ओर प्रेरित होंगे की हम सभी लोग कैसे एक सार्थक व्यक्ति के रूप  में अपने आप को समाज में स्थापित कर सकते हैं।
 
टॉक शो के दौरान की श्री महाना जी से पूछे जाने वाले कुछ प्रमुख प्रश्न निम्नलिखित है:
1. बचपन के सतीश से लेकर महाना जी तक की उनके जीवन यात्रा के यादगार क्षण
 श्री महाना जी ने बचपन से लेकर ग्रेजुएशन तक की यात्रा का वर्णन संक्षिप्त रूप में रखा और बताया कि
वह बाल निकेतन स्कूल में पढ़े, फिर सेंट जोसेफ स्कूल के प्रथम बैच के विद्यार्थी रहे और फिर ग्रेजुएशन
1980 में क्राइस्चर्स कॉलेज से किया। पढ़ाई चाहे कितनी भी हो लेकिन मौज-मस्ती हमेशा होनी चाहिए
इसलिए पिक्चर देखने से कभी परहेज नहीं किया। 
श्री महाना जी ने बताया कि हाई स्कूल में की 64% मार्क्स है। और अन्य पढ़ाई में वह प्रथम श्रेणी ही रहे।
उन्होंने अपना बैंक अकाउंट, चार्टर्ड बैंक में खोला था। और बताया कि वह बैंक में बैंक- कर्मचारी की घड़ी
देखने जाते थे जो बड़ी शानदार तरीके से चमकती थी और वह उस घडी को देखने बार-बार बैंक में जाते थे
। 
2. जीवन यात्रा का turning point
श्री महाना जी  ने कहा कि उन्होंने जिन्दगी में जो भी काम किया, पूरे मन से किया। वर्ष 1984
में बिजनेस ज्वाइन किया जिसके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधींद्र जेन के पिता श्री इंद्रजीत जैन जी थे, वह
हमारे पिता जी के बहुत अच्छे दोस्त थे। जब हम अपने जीवन में सेटल हो जाए तो हमें लाइफ
पार्टनर ढूंढकर जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए। श्री महाना जी ने अपने पिता जी के कहे वचनों पर
चलते हुए न ही कभी किसी काम को अधूरे मन से किया और न ही करने की सोची। हम सबको
बहुत सारी चीजों में हमेशा सावधानी बरतने की जरूरत है, जिससे व्यवस्थित तरीके से अपने जीवन
को जी सकते है और समाज में सामंजस्य स्थापित कर सकते है। जब हम अपने जीवन में सेटल
हो जाए तो हमें लाइफ पार्टनर ढूंढकर जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए। वर्ष 1991 उनके लिए
टर्निंग पॉइंट था, जब पहला टिकट  मिला और किस तरह से मिला और कैसे कानपुर से लखनऊ
तक कार से गए, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिले, परिचय हुआ और इस तरह से एक
लम्बी चेन बनती चली गयी
3. Stand points and ideal in life
श्री महाना जी ने कहा कि "आपका स्वभाव ही, आपका सिद्धान्त है!" और रही बात आदर्श की तो
सबकी जिंदगी में एक आदर्श होता है और होना भी चाहिए, श्री महाना जी ने अपना आदर्श अपने
पूज्य पिता जी को बताया।
 

इसके बाद एक एक करके  Definition of politics &
politician, कानपुर के विकास के लिए किए जाने वाले प्रयास, समाज के लिए संदेश आदि कई प्रमुख
प्रश्नों को पूछा गया।
श्री महाना जी ने कहा कि हमारी प्राथमिकताएं परिवर्तित होती रहती है। जैसे शादी हो जाने के
बाद हमारी प्राथमिकताएं पत्नी, फिर बच्चे, फिर दोस्त और समाज हो जाते है और इस तरह से
एक कारवां बनता जाता है। लेकिन जब आप राजनीति से जुड़े होते है तो सबसे पहले आपके लिए
समाज होना चाहिए और यही हमारा वास्तविक परिवार है।
श्री महाना जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने स्वभाव को बदलना नहीं चाहिए क्योंकि
इससे व्यक्ति का व्यक्तित्व का प्रभावित होता है। आप कभी भी किसी की मजाक उड़ा कर आगे
नहीं बढ़ सकते क्योंकि आप जब भी आपको बढ़ना है किसी न किसी का हाथ आवश्यक पकड़ना
होगा। 
श्री महना जी ने कहा आप यह मत सोचिए कि कोई भी काम सिर्फ व्यक्ति विशेष की वजह से हो रहा है
बल्कि यह सोच रखिये उस कार्य के लिए आपको बनाया गया है, आपको चुना गया है ।इस सोच से इससे
व्यक्ति के अहंकार का बोध समाप्त हो जाता है।
श्री महाना जी ने कहा हमारे अंदर हमेशा Pleasure of giving होना चाहिए न कि pleasure of taking
का बोध होना चाहिए।
इस अवसर पर श्री महाना जी ने एक शेर फरमाया, 

हमने माना कि तगाफुल न करोगे हरगिज़,
खाक हो जाएंगे तुम्हें खफा होने तक।

श्री महाना जी ने बताया कि एक समय उनका वजन 109 किलो वजन हो गया था इसलिए तब
से दुबारा ऐसा न हो इसके लिए वह योगा, वॉक, सुनियोजित डाइट करते है।
इस अवसर पर श्री महाना जी ने Me time में जब भी समय मिले तो अपना पूरा समय अपने परिवार को देना
चाहिए।
श्री सतीश महाना ने बताया कि उन्होंने विधानसभा का पूरे एक दिन का सत्र महिला सत्र रखा इसके लिए
कुछ लोग आलोचक ही थे, लेकिन सफलता आलोचना से ही प्राप्त होती है।
श्री महाना जी ने विधानसभा सत्र को पेपर लेस बनाने के लिए न केवल संकल्प लिया बल्कि
आज हमारा राज्य में देश की पहली ऐसी विधानसभा है जो पेपरलैस है।
सादगी भरे अंदाज में श्री महाना जी ने कहा कि
एक व्यक्ति के तौर पर हम अच्छे या बुरे ही सकते है, पर Institution का सम्मान सदैव बने
रहना चाहिए। हम जहां कहीं भी है अपनी पहचान होनी चाहिए क्योंकि भीड़ में हम खो जाते हैं।
इस अवसर पर श्रीमती अनीता महना भी उपस्थित थी। एक सवाल पर कि पहले के सतीश और
अब के महाना में क्या अंतर है उन्होंने कहा कि वह तब भी वही सतीश थे और आज भी वही
सतीश है।
श्री सतीश महाना जी ने कहा कि देश का भाग्य बदलने की जिम्मेदारी देश के हर नागरिक पर
है। कानपुर की ग्लोरी कभी खोयी ही नहीं थी, बस हमे अपना नजरिया बदलना होगा। 

टॉक-शो के समापन में श्री सतीश महाना ने अपने ज्ञान के मोतियों से चैम्बर के सभागार में
उपस्थित सदस्यों सींचते हुए समस्त उपस्थित सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि कुछ
पल ऐसे होते हैं जो मुस्कुराहट देते हैं और आप उनसे वास्तविकता के साथ रूबरू होते हैं। उन्होंने
कहा कि हम शायद मिथ्या यश के लिए दौड़ रहे हैं, हमें अपने स्वयं के लिए प्रयास करना चाहिए
ना कि दूसरों को दिखाने के लिए कि अन्य व्यक्ति हमारे व्यक्तित्व के बारे में क्या कहेंगे।
इस अवसर पर श्री महाना ने, "जीना इसी का नाम है..... ", "हर फिक्र को धुँए में उड़ाता चला गया..... " जैसे
गानों का जिक्र किया । 
सत्र का संचालन चेंबर के काउंसिल के सदस्य श्री सुधीर जैन जी ने किया।
 
सत्र के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. ए.एस. प्रसाद ने ज्ञापित किया।
 
आयोजित सत्र में मर्चेंट्स चैम्बर के अध्यक्ष, कौंसिल समिति के सदस्य, चैम्बर के सदस्यगण अपने परिवार
 संग तथा अन्य प्रबुद्ध एवं अतिथि जन भी उपस्थित थे।
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