प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरु नानक की वड्डीयाई
      08 November 2022

अर्पित बाजपई
स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो : कानपुर, शब्द कीर्तन एवं "बोले सो निहाल, सत श्री अकाल", "वाहे गुरू जी का खालसा, वाहे गुरू जी की फतेह" के उद्घोष के मध्य जगत गुरू बाबा नानक देव जी महाराज के पावन प्रकाश उत्सव के तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन आज भारी संख्या में श्रद्धालु संगत ने लंगर तैयारी की सेवा शुरू की, प्रातः काल से ही बडी संख्या में श्रद्धालु संगत अपनी सामर्थ्य के अनुरूप लंगर में अपना योगदान देने के लिए मोतीझील पहुंचने लगे थे, विशाल मंच पर भव्य पालकी में विराजमान जुगो जुग अटल साहिब श्री गुरू ग्रन्थ साहिब के समक्ष माथा टेका अपनी श्रद्धा अर्पित कर गुरुवाणी कीर्तन से निहाल हुई संगत ने गुरुवाणी कीर्तन से प्राप्त नव उर्जा को लंगर तैयारी सेवा में प्रयोग कर " सतगुरु की सेवा सफल है, जे को करे चित्त लाए" को चरितार्थ कर रहे थे।
प्रातःकाल दीवान की अरंभता भाई नरिंदर सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर चौक ने " प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरु नानक की वड्डीयाई " का गायन किया, भाई सुरिंदर सिंह भाई मोहन सिंह, भाई कुलदीप सिंह राजा, भाई भूपिंदर सिंह गुरदासपुरी ने " दुःख दारू सब रोग बहया, जा सुख ताम न होइ। तू करता करणा मैं नाही, जा हऊ करी न होई ।। " जिथे बाबा पैर धरे, पूजा आसन थापन होआ"।।, "धन नानक तेरी वड्डी कमाई " ।। का गायन कर संगत को निहाल किया। अमृतसर से आए पंथ के महान प्रचारक भाई किशन सिंह जी ने गुरु नानक देव जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा की गुरू नानक चिराग किसी ने नहीं जलाया यह कुदरती रूहानी चिराग है, जिस चिराग को किसी ने जलाया नही तो उस चिराग को बुझाए कौन, जो जो नानक रूपी चिराग को बुझाने आया वो बुझा तो न सका पर स्वयं बुझ गया, हमे शब्द गुरु के साथ जुड कर अपना लोक परलोक सुहेला करें। श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई जगतार सिंह जी ने अपनी मोहक वाणी से " सतगुरू नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानन होअा" का गायन किया तो पंडाल"बोले सो निहाल, सत श्री अकाल" के जयकारों से गुंजायमान हो गया। गुरु हर राय एकेडमी, ओबेरॉय एजुकेशन सेंटर, गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज आदि विद्यालयों के बच्चों ने भी संगत को गुरुवाणी कीर्तन से जोडा।
लंगर तैयारी की सेवा मनजीत सिंह सागरी, मोहन सिंह झास, ज्ञानी मदन सिंह, जसवंत सिंह भाटिया, गुरदीप सिंह गांधी की देखरेख में प्रातःकाल से ही आरंभ हुई जहां दाल, सब्जी के भंडारण से लेकर उनकी साफ सफाई, दाल, सब्जी, रोटी आदि पकाने की प्रक्रिया दिन भर चलती रही, ज्ञात हो की लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालू मगंलवार को गुरुपर्व पर प्रसाद रूपी लंगर छकेगे। जिसके लिए कई कुंटल दाल, आलू, गोभी, आटा सहित मसालों का प्रयोग किया जा रहा है ।
श्री गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष स. हरविंदर सिंह लार्ड के अनुसार गुरुपर्व मुख्य समारोह मगंलवार को होंगे जिसमे प्रातः 3.30 बजे से दीवान आरंभ हो जायेंगे जिसमे मुख्य पंडाल में देर दोपहर तक गुरुवाणी कीर्तन एवं गुरुवाणी विचार का प्रवाह निरंतर चलेगा तो लंगर के पंडाल में लंगर भी वितरित होगा स्त्री एवं पुरुषों के लिए अलग अलग लंगर पंडाल तैयार किए गए हैं, पूरे लंगर पंडाल में मेटिंग की गई है ताकि धूल उड़ने से श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, लंगर पंडाल धूल फ्री तैयार किए गए हैं।
आज के दीवान एवं लंगर सेवा के कार्य में स. हरविंदर सिंह लॉर्ड सहित सुखविंदर सिंह भल्ला लाडी, हरजिंदर सिंह काले, सतनाम सिंह सूरी, हरमिंदर सिंह लोंगोवाल, मीतू सागरी, राजू खंडूजा, सुरिंदर सिंह चावला कालू, मनमीत सिंह राजू, करमजीत सिंह, दया सिंह गांधी, अमनजोत सिंह, देवेंद्रपाल सिंह, तरलोचन सिंह यंगमैन, जयदीप सिंह राजा, सुरिंदर सिंह छिंदा आदि सेवा कार्य में अपनी अपनी भूमिका निभा रहे थे।
प्रातःकाल की ही भांति रात्रि में भी कथा कीर्तन के दीवान में प्रचारक एवं रागी जत्थे संगत को गुरुवाणी के साथ जोड़ेंगे। उपरोक्त आशय की जानकारी श्री गुरू सिंह सभा के प्रवक्ता प्रचार सचिव स. हरमिंदर सिंह लोंगोवाल ने जारी एक विज्ञप्ति में दी।
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