दयानन्द गर्ल्स पी. जी. कालेज एवं भारत उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में पंचकोश पर आधारित- चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास की कार्यशाला आयोजित
      23 November 2022

अर्पित बाजपाई संवाददाता
स्वैच्छिक दुनिया [ ब्यूरो ] कानपुर | दयानन्द गर्ल्स पी. जी. कालेज ( संगीत विभाग) एवं भारत उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में पंचकोश पर आधारित- चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास की कार्यशाला में मुख्य वक्ता , सुजीत कुंतल ने शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति की भाववाचक संज्ञा व्यक्तित्व है। इस दृष्टि से देखें तो हर एक व्यक्ति में गुण और विशेषताएं होती हैं जो उसके व्यक्तित्व की परिचायक होती है , जैसे आचार , विचार , व्यवहार , आचरण और संवेदनशीलता। घटना विशेष पर सहज और त्वरित प्रतिक्रिया से व्यक्तित्व का अनुमान लगाया जा सकता है। व्यक्ति का समस्त व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है।


मनोविज्ञान में व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के गुण और रूप की समष्टि से है, अर्थात् व्यक्ति के बाहरी आवरण और आंतरिक तत्त्व दोनों को माना जाता है। सबसे अच्छी बात है कि व्यक्तित्व की स्थिर अवस्था नहीं होने से इसमें बदलाव संभव है और यह बदलाव करने की विधि उपनिषदों में पंचकोश के रूप में दी गयी है। मुख्य अतिथ, डॉ. उमेश पालीवाल ने कहा कि वर्तमान समय में छात्र- छात्राओं का जीवन अच्छा बने इस ओर चिंतन प्रारंभ करने की आवश्यकता है। मानव का समग्र विकास हो इस दृष्टि से न्यास द्वारा किए जा रहे कार्यों की उन्होंने सराहना की और अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त कीं। इस अवसर पर सुजीत कुंतल द्वारा लिखित पंचकोश पर आधारित पुस्तक- चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास का लोकार्पण किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत कार्यशाला की संयोजिका पूजा श्रीवास्तव ने किया। मंच संचालन डॉ. संगीता श्रीवास्तव और अध्यक्षता, डॉ. रोचना विश्वनोई ने की। यहां डॉ. रूचिमिता शुक्ला, डॉ. सुनीता वर्मा, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, कमल राय, डॉ. निवेदिता टंडन आदि उपस्थित रहे।
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