हर विद्यार्थी विद्या के साथ विनम्र एवं अनुशासनशील बन देश की सेवा करें। साध्वी मंजूयशा जी
      06 December 2022

राजीव मिश्रा सम्पादक कानपुर
उदयपुर। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अणुक्त अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुविधा साधी श्री मंजुयशा ठाणा-4 कांकरोली से नाथद्वारा, उदयपुर होते हुए गुजरात की ओर बाद विहार करते हुए मार्ग में आने वाले राजकीय स्कूलों में अमुक्त जीवन विज्ञान एवं प्रेक्षाध्यान संबंधी का अध्यापक वर्ग के निवेदन पर बच्चों के बीच कार्यक्रम आयोजित हुआ।

स्कूल में करीब 800 बच्चे उपस्थित थे। अध्यापक वर्ग की संख्या भी काफी थी। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वी श्री जी ने नवकार मंत्र के मंगल उच्चारण से

"हुआ। वहां के प्रीसिपल ने साध्वी वृंद का अपने अध्यापक वर्ग एवं विद्यार्थी की वर्ग की ओर से अपने स्कूल प्रांगण में हार्दिक स्वागत किया करते हुए कहा- आज हमारा परम् सौभाग्य है कि आज इस आंगण में सतो के चरण पड़े। सतो का जीवन व्यक्ति बहती हुई सरीता के समान होता है। महता हुआ पानी बड़ा निर्मल होता है वैसे ही त्यागी साधु-संतो का जीवन पवित्र और निर्मल होता है। उनकी पावन सत्संग से पतित भी पावन बन जाता है। उनकी आध्यात्मिक साधना एवं धार्मिक वाणी से चौर भी की आत्मा भी संतात्या बनकर अपना कल्याण कर लेती है। आज आपकी वाणी से हमारे विद्यार्थी भी अपने भावी जीवन को उज्जवल पवित्र एवं निर्मल बनाएंगे। साठी श्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा- - बच्चे का जीवन कोरे कागज के समान होता है उस पर मातापिता, गुरुजन जैसा चित्र खिंचना चाहे वैसे उसके जीवन को ऐबांकित कर सकते हैं। ये हमारे देश के यात्री कार्यकर है। विद्यालय विद्यार्थी के लिए ज्ञान का मंदिर हैं। अध्यापक वर्ग ज्ञान प्रदाता हैं। बच्चे के जीवन को अ सही ज्ञान के द्वारा सही निर्माण करते हैं। विद्या के साथ विद्यार्थी के जीवन में विनम्रता, खालीनता, सराउत, मृदुता अनुशासन बद्धता, नशामुक्ति, अच्छे विचार, अच्छा व्यवहार, सत्यवादिता, देश के प्रति भक्ति, आदि के अच्छे गुणों का जागरण हो तो विद्या जीवन के लिए कभी भारभूत नहीं बनती है। साध्वी नाभी जी ने आगे कहा- सुभाष बंद बस, भगतसिंह, चाचा नेहरू, महात्मा गांधी महात्मा बुद्ध बुद्ध, भगवान महावीर आदि अनेक महापुरुष हुए है उन्होंने हर परिस्थिति में अपनी सुरक्षा करते हुए देश के लिए भी अपना कितना बलिदान किया है। इस किए विद्यालय

हिन्दी, गणित, जानकि, भूमेन का कांग्रेजी जानेक विश्व पाए जाते हैं। इसके साथ इनके भीतर शारिरिक मानसिक, बौद्धिक विकास के भावनात्मक विकास होता रहे तो हर विद्यार्थी का सही पर उशस्त होगा। हर विद्यार्थी अपने माता पिता, गुरुजन आदि सभी का के प्रति आदर मान सम्मान का भाव रखे। विनम्रता से विधा राहण करेगा के एक भी एक एवं पुरुकर्म से आगे बढ़ेगा वह भी एक महान व्यक्ति बन जाएगा। साथी भी जी ने सभी बच्चों को कैहिक एवं कसूति विकास के, नशा मुक्ति के भी प्रयोग करवार | सभी बच् बड़ी लगन एवं के साथ प्रयोग किए। कई बच्चों ने साथी की जी प्रवचन को सुनकर जीवन भर नीड़ी, सिगरेट, शराब मांस आदि अखाध पदार्थों के कभी भी उपयोग में नहीं लेने का हर वकयवि) अन्त में वहां के प्रीशिषक ने वर्ग की बोर से, विद्यार्थी वर्ग की एवं का पूरे परिसर की ओर हार्दिक कृतज्ञता एवं भार व्यक्त किया। मंगलवार से कार्यक्रम जानन्न संपन्न हुआ।
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