निजी स्कूल के खिलाफ दर्ज करें आपराधिक मुकदमा आयोग
      15 December 2022

संवाददाता अर्पित बाजपई
स्वैच्छिक दूनिया ब्यूरो, देहरादून। बाल आयोग ने लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल, मांडूवाला, सुद्धोवाला में कक्षा 12 के 86 छात्रों का सीबीएसई की परीक्षा में नामांकन नहीं होने की शिकायत पर बुधवार को सुनवाई की।

सुनवाई में विद्यालय प्रबंधन और प्रधानाचार्य के अनुपस्थित रहे पर आयोग ने नाराजगी जताई। डीजीपी को स्कूल के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने को कहा व मान्यता रद करने की अनुशंसा की । केस दर्ज करने को कहा व मान्यता रद करने की अनुशंसा की । उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल की ओर से प्रबंधक और प्रधानाचार्य सुनवाई में नहीं पहुंचे। विद्यालय के एक विज्ञान शिक्षक को सुनवाई में भेजा गया । आधिकारिक पत्र नहीं होने पर आयोग ने उक्त शिक्षक को सुनवाई में बैठने की अनुमति नहीं दी। आयोग ने इसे अवमानना माना और अनुशासनात्मक एवं विधिक कार्रवाई के लिए सीबीएसई और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए। बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया कि विद्यालय के कक्षा 12 के 86 छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की बात उनके संज्ञान में आई है। कक्षा 12 के ये छात्र बोर्ड परीक्षाओं में बैठने से वंचित हो रहे हैं। सीबीएसई की सुनवाई में दी गई आख्या से यह भी पता चला कि विद्यालय में चल रही अनियमितताओं पर वर्ष 2019 से ही जांच चल रही है। आयोग अध्यक्ष ने विद्यालय की मान्यता रद करने की अनुशंसा की है। बाल आयोग अध्यक्ष ने इस मसले पर डीजीपी से फोन पर बात की और स्कूल के विरुद्ध अपराधिक एफआईआर कर सख्त और दंडात्मक कार्रवाई को कहा। पीड़ित बच्चों को ओपन बोर्ड के माध्यम से 12वीं की परीक्षा दिलवाने, आर्थिक नुकसान की भरपाई स्कूल से कराने के निर्देश दिए। गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग को जांच समिति गठित कर पिछले पांच। बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया कि विद्यालय के कक्षा 12 के 86 छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की बात उनके संज्ञान में आई है। कक्षा 12 के ये छात्र बोर्ड परीक्षाओं में बैठने से वंचित हो रहे हैं। सीबीएसई की सुनवाई में दी गई आख्या से यह भी पता चला कि विद्यालय में चल रही अनियमितताओं पर वर्ष 2019 से ही जांच चल रही है। आयोग अध्यक्ष ने विद्यालय की मान्यता रद करने की अनुशंसा की है। बाल आयोग अध्यक्ष ने इस मसले पर डीजीपी से फोन पर बात की और स्कूल के विरुद्ध अपराधिक एफआईआर कर सख्त और दंडात्मक कार्रवाई को कहा। पीड़ित बच्चों को ओपन बोर्ड के माध्यम से 12वीं की परीक्षा दिलवाने, आर्थिक नुकसान की भरपाई स्कूल से कराने के निर्देश दिए। गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग को जांच समिति गठित कर पिछले पांच सालों में ऐसे नए स्कूल और कोचिंग सेंटर के आपसी साठगांठ एवं अवैद्यानिक तरीके से संचालित विद्यालयों की गहन जांच कर कार्रवाई करने की संस्तुति की। सुनवाई में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से क्षेत्रीय अधिकारी रणवीर सिंह, शिक्षा विभाग से खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर कुंदन सिंह मौजूद रहे।
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