पर्पल पेन समूह द्वारा सप्तम वार्षिक उत्सव
      02 March 2023

बिंदु पांडे
पर्पल पेन समूह द्वारा सप्तम वार्षिक उत्सव 'जश्न-ए-अल्फ़ाज़' का भव्य आयोजन, छह पुस्तकों का लोकार्पण, चालीस साहित्यकार सम्मानित

नई दिल्ली/न्यूज़ डेस्क : दिल्ली की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था 'पर्पल पेन' द्वारा रविवार, दिनांक 26 फरवरी को आईटीओ स्थित 'हिन्दी भवन' में पुस्तक लोकार्पण, काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया
जिसकी अध्यक्षता मशहूर उस्ताद शायर श्री सीमाब सुल्तानपुरी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में विख्यात व्यंग्यकार श्री सुभाष चन्दर सहित विशिष्ट अतिथियों -- विष्णु प्रभाकर संसथान के संस्थापक, वरिष्ठ साहित्यकार श्री अतुल प्रभाकर, प्रसिद्ध दोहाकार और नाट्यकर्मी श्री नरेश शांडिल्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार सुश्री अलका सिन्हा की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।

इस अवसर पर पर्पल पेन समूह की ओर से संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा 'कनुप्रिया' सहित मंचासीन अतिथियों ने विभिन्न श्रेणियों में सत्तर से अधिक सम्मान ट्रॉफी/मेमेंटो और मेडल साहित्यकारों, कवियों, समाजसेवियों, मीडियाकर्मियों, आदि को प्रदान किये।

पर्पल पेन सप्तम वार्षिक उत्सव में संस्था द्वारा प्रकाशित दो साझा काव्य संग्रहों -- कौस्तुभ तथा परिमल के साथ चार अन्य पुस्तकों का लोकार्पण मंचासीन अतिथिगण द्वारा किया गया।

वर्ष 2023 के लिए ग्यारह साहित्यकारों को 'साहित्य कौस्तुभ सम्मान' और तीस कविगण को 'साहित्य प्रसून सम्मान' से अलंकृत किया गया। इसी के साथ पर्पल पेन वार्षिक सम्मान 2022 के अंतर्गत वीणा तँवर और मुरारी पचलंगिया को साहित्य सेवी सम्मान, दिनेश आनंद, शारदा मदरा और नीता नय्यर को साहित्य साधक सम्मान, मीनाक्षी भटनागर और करुणानिधि तिवारी को साहित्य प्रहरी सम्मान एवं डॉ. इन्दिरा शर्मा को साहित्य श्री सम्मान प्रदान किये गए। इसी कड़ी में कोरोना वैश्विक महामारी के समय, साल 2021 और 2020 में घोषित लगभग तीस वार्षिक सम्मान भी वितरित किये गए।

दिल्ली/एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, असम और महाराष्ट्र से कार्यक्रम में शिरक़त करने वाले सर्व श्री/सुश्री डॉ. इन्दिरा शर्मा, मधुश्री के, गीता भाटिया, रजनी रामदेव, मीनाक्षी भटनागर, करुणानिधि तिवारी, रेखा जोशी, प्रबोध मिश्र हितैषी, सुरेन्द्रपाल वैद्य, वंदना मोदी गोयल, ओम प्रकाश शुक्ल, रामकिशोर उपाध्याय, डॉ. महेंद्र, राजीव कामिल, अनिल मीत एवं डॉ संजीव चौधरी ने बेहतरीन दोहे, गीत, गीतिका, मुक्तक, ग़ज़ल और छंदमुक्त कविताओं का पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।


कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदन से हुआ। वसुधा 'कनुप्रिया' द्वारा मंचासीन अतिथियों को माला, अंगवस्त्र, पुष्प गुच्छ और उपहार दे कर उनका स्वागत किया गया साथ ही, सदन में उपस्थित विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं के पंद्रह प्रतिनिधियों का भी पटका पहना कर उनका अभिनंदन किया गया।

कौस्तुभ, परिमल, पुष्पराग, आस्था, चल बंधु उस ठौर चलें तथा 'युद्ध प्रेम और जीवन' -- काव्य संग्रहों के लोकार्पण के पश्चात विभिन्न श्रेणियों के वार्षिक सम्मान प्रदान किये गए। मंचासीन अतिथिगण ने अपने सारग्रभित उद्बोधन में समूह की एवं संस्थापक वसुधा कनुप्रिया के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं मंच की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए शुभकामनाएं दीं। सभी के अपनी कविताओं और मयारी शायरी से श्रोताओं को आह्लादित कर दिया। आयोजन अध्यक्ष, उस्ताद शायर श्री सीमाब सुल्तानपुरी की शानदार ग़ज़लों ने वार्षिक उत्सव को ऊचाइयों तक पहुँचाया।

विशिष्ट अतिथियों श्री अतुल प्रभाकर, श्री नरेश शांडिल्य और सुश्री अलका सिन्हा ने लेखन की उत्कृष्टता के महत्व को बताते हए कहा कि केवल लिखना पर्याप्त नहीं है, लेखन के स्तर को बनाये रखना भी आवश्यक है।
मुख्य अतिथि श्री सुभाष चन्दर ने अपने उद्बोधन में कहा कि संक्षिप्त और सारगर्भित लेखन भी प्रभावशाली हो सकता है। किन्ही साहित्यकारों ने बहुत थोड़ा लिखकर भी ख्याति अर्जित की है। उस्ताद शायर श्री सीमाब सुल्तानपुरी ने भी लेखन की कुछ बारीकियों पर अपने राय देते हुए अपने कुछ शानदार अशआर पेश किया।

अपने स्वागत वक्तव्य में पर्पल पेन साहित्यिक समूह की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए समूह की संस्थापक-अध्यक्ष और इस आयोजन की संयोजक वसुधा 'कनुप्रिया' ने बताया कि समूह अब तक साहित्य, कला, समाज सेवा, मीडिया, पर्यावरण, स्वास्थय, आदि के क्षेत्रों में विशिष्ट सेवाएं देने वाले गुणीजन को पिछले कुछ वर्षों में लगभग सौ से अधिक सम्मानों से अलंकृत कर चुका है। समूह की ओर से आयोजित प्रतियोगिताएं में सैकड़ों प्रशस्ति पत्र और उपहार भी भेंट किये गए। पर्पल पेन द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता 'तरंगिणी' आयोजित की जाने की जानकारी भी वसुधा कनुप्रिया ने दी।

लगभग चार घंटे चले इस कार्यक्रम में श्रृंगार से ले कर वीर रस, हास्य से ले कर करुण रस में पगी, समसामयिक, सुन्दर और प्रेरक रचनाओं का पाठ हुआ। समूह की संस्थापक वसुधा 'कनुप्रिया' ने बताया कि 'परिमल' साझा संग्रह के साथ पर्पल पेन समूह ने 'कनुप्रिया पब्लिशर्स' की स्थापना कर प्रकाशन के क्षेत्र में भी पदार्पण किया है।

वार्षिक उत्सव का दो सत्रों में सञ्चालन सुश्री मीनाक्षी भटनागर एवं सुश्री गीता भाटिया ने किया। कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री प्रबोध मिश्र हितैषी ने सभी मंचासीन अतिथियों एवं कविगण के प्रति पर्पल पेन सप्तम वार्षिक उत्सव 'जश्न-ए-अल्फ़ाज़' को अपनी गरिमापूर्ण उपस्थिति और श्रेष्ठ रचनापाठ से सफल बनाने के लिए आभार प्रकट किया।
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