विश्व पर्यावरण विषय पर संगोष्ठी
      04 March 2023

बिंदु पांडे
*अमेरिका स्थित नासा के रॉकेट साइंटिस्ट ने चेताया कि अगर पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया तो सिलेंडर बांधकर चलना होगा*

*रूस एवं यूक्रेन के लंबे चलते युद्ध का पर्यावरण पर पड़ रहा है प्रतिकूल प्रभाव*

*लगातार बढ़ते प्रदूषण से बढ़ रहे नपुंसकता एवं डिप्रेशन के रोगी*

*होली पर ना चलाएं रंगो वाली बंदूक, रंगों के रंगीन धुएं से फेफड़े होते कमजोर*


*आरोग्यधाम के चिकित्सकों ने अमेरिका से आए साइंटिस्ट को श्रीमद्भगवद्गीता भेंट कर किया सम्मानित*



*बढ़ता प्रदूषण एवं उससे उत्पन्न ग्लोबल वार्मिंग* आज संपूर्ण जगत के लिए चिंता का मुख्य विषय बन गई है यह बातें आज ग्वालटोली स्थित आरोग्यधाम में पर्यावरण संतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए *अमेरिकी स्पेस साइंस वैज्ञानिक डॉक्टर सूरज रावल* जो कि भारतीय मूल के हैं ने कही। *डॉक्टर सूरज रावल* जिन्होंने सन 1962 में बीएनएसडी इंटर कॉलेज कानपुर से इंटरमीडिएट किया और मेरिट में स्थान प्राप्त किया। उसी वर्ष डॉक्टर रावल का सिलेक्शन आईआईटी कानपुर में हो गया था। उन्होंने अपनी बीटेक एवं एमटेक की डिग्री आईआईटी कानपुर से प्राप्त की। सन 1969 में उन्हें अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी द्वारा पीएचडी करने के लिए आमंत्रित किया गया। अपनी पीएचडी उपाधि ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने अमेरिका की कई कंपनियों में उच्च पदों पर कार्य किया। वर्तमान में डॉक्टर सूरज अमेरिका की उच्च फर्म में बतौर रॉकेट साइंटिस्ट कार्यरत है। *डॉक्टर सूरज* ने बताया कि आज पर्यावरण सुरक्षा पूरे विश्व की समस्या है । पृथ्वी जल एवं वायु सभी कुछ प्रदूषित हो रहा है कहीं विश्व के कई हिस्सों में चल रहे युद्ध, कहीं प्रकृति का अनाप-शनाप दोहन, कहीं जंगलों की कटाई इसके कारण है; इसलिए विषय गंभीर हो जाता है। कार्यक्रम में अमेरिका से आई आशा ग्रोवर ने कहा की प्रदूषण से हमारे शरीर से शारीरिक एवं मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आरोग्यधाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक *डॉ हेमंत मोहन* ने कहा की इस समस्या से निपटने के लिए विश्व के सभी देशों को मिलजुल कर प्रयास करने चाहिए। सभी देशों का दायित्व बन जाता है कि अपने-अपने स्तर पर भू जल व वायु का प्रदूषण रोके एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें। यह आज समय की मांग है हमें आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल व शुद्ध वायु उपलब्ध करानी होगी तभी मानवता सुरक्षित रखी जा सकती है प्रकृति के मूल को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों को सहेज कर रखने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर आरोग्यधाम ग्वालटोली के संस्थापक श्री आरआर मोहन वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन व डॉ आरती मोहन, डॉ अभिषेक सिंह, सत्यम शुक्ला, श्रीश शुक्ला, कशिश गुप्ता, श्रुति शर्मा, अर्पित त्रिपाठी उपस्थित रहे।
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