अरोमा थेरेपी पहले से ही रामायण में मौजूद थीं
      05 March 2023

स्वैच्छिक दुनिया ब्यूरो
स्वैच्छिक दुनिया। कानपुर 4 मार्च भारत में अरोमाथेरेपी पहले से मौजूद थी रामायण काल में लक्ष्मण जी का संजीवनी बूटी से उपचार व महाभारत युद्ध में घावों पर चंदन के लेप की परंपरा इसका उदाहरण है यह विचार फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर के निदेशक डॉ भक्ति विशाल शुक्ला जी ने पी.पी.एन कॉलेज में जी 20और y20 विषय पर आयोजित सेमिनार में व्यक्त किए उन्होंने कहा कि युवाओं के सामने प्राचीन
तकनीकों व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोटिक जैसे नई तकनीकों को शामिल कर प्रयोग करने की चुनौती है
इसी क्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अनूप कुमार सिंह जी ने लोकतंत्र में युवाओं की भूमिका विषय पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि यदि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है तो हमे आज के युवा को लोकतंत्र का पांचवा स्तंभ मानना चाहिए क्योंकि युवा वर्ग अपने राष्ट्र के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण, सामाजिक स्तर पर विकसित सोच और अपनी अपार ऊर्जा से भरपूर अंतर्मन से भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ मिलकर काम करता है जैसे राष्ट्र को एक नई दिशा मिलेगी इसी कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता समूह चर्चा, तथा प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनिता राय, धन्यवाद ज्ञापन सांस्कृतिक समिति की संयोजिका प्रोफ़ेसर मीना गुप्ता जी ने दिया कार्यक्रम में प्रोफेसर जी .डी .दुबे, प्रोफेसर आर.के .दीक्षित, प्रोफेसर राजेश गुप्ता, प्रोफेसर के.के यादव, प्रोफेसर निधि कश्यप ,डॉ अलका अस्थाना ,डॉक्टर रिचा त्रिपाठी ,डॉ अनूप कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
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