मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश में "ऑडिट ट्रेल" और "वित्त विधेयक 2023 में अधिनियमन के बाद संशोधन" पर एक वार्ता का आयोजन
      09 April 2023

बिंदु पांडे
स्वैच्छिक दुनिया। मर्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ़ उत्तर प्रदेश की फिस्कल एण्ड कारपोरेट अफेयर्स कमेटी द्वारा दिनांक 08 अप्रैल, 2023 को अपराह्न 03:45 बजे से डॉ. गौर हरि सिंहानिया कांफ्रेंस हॉल में "ऑडिट ट्रेल" और "वित्त विधेयक 2023 में अधिनियमन के बाद संशोधन" पर एक वार्ता का आयोजन किया गया।

वार्ता के आयोजन से पूर्व मर्चेन्ट्स चैम्बर के अध्यक्ष- श्री अतुल कानोडिया ने सभी सदस्यों एवं आगन्तुकों का स्वागत किया तथा बताया कि इस वार्ता का उद्देश्य ऑडिट ट्रेल और वित्त विधेयक 2023 में अधिनियमन के बाद संशोधन के बारे में जानकारी देना है।
वार्ता के वक्ता सीए मनु अग्रवाल ने बताया कि “ऑडिट ट्रेल” ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार एक प्रणाली है, जो लेखा रिकॉर्ड में किसी भी वस्तु से संबंधित विस्तृत लेन-देन का पता लगाती है तथा कम्प्यूटर की भाषा के अनुसार डेटाबेस या फ़ाइल में किए गए परिवर्तनों का रिकॉर्ड रखती है। कंपनी (लेखा) नियम, 2014 का नियम 3(1) के अनुसार 1 अप्रैल 2023 को या उसके बाद शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए प्रत्येक कंपनी जो अपने खाते की पुस्तकों को बनाए रखने के लिए लेखांकन सॉफ्टवेयर का उपयोग करती है। धारा 128 कंपनी द्वारा उचित पुस्तकों और खातों को बनाए रखने का आदेश देती है। इसमें चूक करने वाले प्रत्येक अधिकारी पर गैर-अनुपालन के लिए रु. 25,000/- से रु. 5,00,000/- तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सभी कंपनियों के लिए (बड़ी या छोटी), धारा 8 की कंपनियां, विदेशी कंपनियां, स्टैंडअलोन वित्तीय विवरणों के लिए, अधिनियम की धारा 129(4) के बाद से समेकित वित्तीय विवरण में कहा गया है कि स्टैंडअलोन स्टेटमेंट पर लागू सभी प्रावधान सीएफएस पर भी लागू होते हैं। अधिनियम की धारा 2(13) के अनुसार लेखा पुस्तकों की परिभाषा के अंतर्गत आने वाले रिकॉर्ड या लेन-देन को बनाए रखने वाले किसी भी सॉफ़्टवेयर को इस उद्देश्य के लिए लेखांकन सॉफ़्टवेयर माना जाएगा। अधिनियम की धारा 129(4) के बाद से समेकित वित्तीय विवरण में कहा गया है कि स्टैंडअलोन स्टेटमेंट पर लागू सभी प्रावधान सीएफएस पर भी लागू होते हैं। अधिनियम की धारा 128(5) के अनुसार, कंपनियों द्वारा कम से कम आठ वर्षों की अवधि के लिए खाते की पुस्तकों को संरक्षित रखा जाना आवश्यक है।

सीए शिवांश मेहरा ने वित्त विधेयक 2023 में हाल के बदलावों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि लोक सभा ने वित्त विधेयक में संशोधन किया है। ऋण म्यूचुअल फंड पर अब लघु अवधि के पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऑनलाइन गेमिंग जीत से होने वाली आय पर अब 01.04.2023 से 30% कर लगाया जाएगा। रु.1700 के वास्तविक कर से रु.1 करोड़ के टर्नओवर पर बिक्री विकल्पों पर STT को रु. 2100 तक बढ़ा दिया गया है। MSME गतिविधियों के लिए भुगतान MSME अधिनियम, 2006 के तहत निर्दिष्ट समय के साथ किया जाएगा। भुगतान किए गए वर्ष में कटौती के लिए पात्र ऐसे भुगतान/ खरीद/ व्यय होंगे।

वार्ता में प्रमुख रूप से फिस्कल एण्ड कारपोरेट अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन- अक्षय गुप्ता, एवं राजीव मेहरोत्रा, कोआर्डिनेटर- चिन्मय पाठक एवं उमेश पाण्डेय के अतिरिक्त बड़ी संख्या में चार्टेड एकाउण्टेन्ट, व्यवसायी तथा चैम्बर के सचिव- महेन्द्र नाथ मोदी उपस्थित रहे।
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