बुंदेली बोली के लिए डॉक्टर मीनू पांडे नयन सम्मानित
      26 July 2023

बिंदु पांडे
25 जुलाई 23 दिन मंगलवार को 4 बजे सायं, रवींद्र भवन भोपाल में साहित्य परिषद, संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा साहित्यकारों का अलंकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विगत चार वर्षों के चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश की छः प्रमुख बोलियों में से एक बुंदेली बोली के लिए डाॅ मीनू पांडेय नयन को उनकी कृति 'बुंदेली बतरस' के लिए 'श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार 2020' से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान सुप्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, संस्कृति मंत्री मान सुश्री उषा ठाकुर, संचालक - संस्कृति विभाग श्री अदिति कुमार त्रिपाठी और निदेशक साहित्य अकादमी डॉ विकास दवे के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप 51000₹ का चैक, स्मृति चिन्ह एवं शाल व श्रीफल से सम्मानित किया गया।
डॉ मीनू पांडेय नयन वर्तमान में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। विगत 27 वर्षों से वो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनकी अंग्रेजी शिक्षण की बीस पुस्तकें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित हैं। विगत कई वर्षों से वो बुंदेली के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहीं हैं। आप बुंदेली बोली के साहित्यिक परिशिष्ट 'मीठी निंबौरी' की पांच वर्ष तक संपादक रहीं हैं। बुंदेली रामायन का भी आपने सृजन किया है। आपकी कृति 'आयाम जिंदगी के' नयन ने मध्य प्रदेश की 2020 की चर्चित पुस्तकों में अपना स्थान बनाया है। आप आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन की संस्थापक एवं अध्यक्ष भी हैं।
25 जुलाई 23 दिन मंगलवार को 4 बजे सायं, रवींद्र भवन भोपाल में साहित्य परिषद, संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा साहित्यकारों का अलंकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विगत चार वर्षों के चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश की छः प्रमुख बोलियों में से एक बुंदेली बोली के लिए डाॅ मीनू पांडेय नयन को उनकी कृति 'बुंदेली बतरस' के लिए 'श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार 2020' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान सुप्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, संस्कृति मंत्री मान सुश्री उषा ठाकुर, संचालक - संस्कृति विभाग श्री अदिति कुमार त्रिपाठी और निदेशक साहित्य अकादमी डॉ विकास दवे के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप 51000₹ का चैक, स्मृति चिन्ह एवं शाल व श्रीफल से सम्मानित किया गया।
डॉ मीनू पांडेय नयन वर्तमान में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। विगत 27 वर्षों से वो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनकी अंग्रेजी शिक्षण की बीस पुस्तकें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित हैं। विगत कई वर्षों से वो बुंदेली के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहीं हैं। आप बुंदेली बोली के साहित्यिक परिशिष्ट 'मीठी निंबौरी' की पांच वर्ष तक संपादक रहीं हैं। बुंदेली रामायन का भी आपने सृजन किया है। आपकी कृति 'आयाम जिंदगी के' नयन ने मध्य प्रदेश की 2020 की चर्चित पुस्तकों में अपना स्थान बनाया है। आप आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन की संस्थापक एवं अध्यक्ष भी हैं।
25 जुलाई 23 दिन मंगलवार को 4 बजे सायं, रवींद्र भवन भोपाल में साहित्य परिषद, संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा साहित्यकारों का अलंकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विगत चार वर्षों के चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश की छः प्रमुख बोलियों में से एक बुंदेली बोली के लिए डाॅ मीनू पांडेय नयन को उनकी कृति 'बुंदेली बतरस' के लिए 'श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार 2020' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान सुप्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, संस्कृति मंत्री मान सुश्री उषा ठाकुर, संचालक - संस्कृति विभाग श्री अदिति कुमार त्रिपाठी और निदेशक साहित्य अकादमी डॉ विकास दवे के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप 51000₹ का चैक, स्मृति चिन्ह एवं शाल व श्रीफल से सम्मानित किया गया।
डॉ मीनू पांडेय नयन वर्तमान में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। विगत 27 वर्षों से वो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनकी अंग्रेजी शिक्षण की बीस पुस्तकें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित हैं। विगत कई वर्षों से वो बुंदेली के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहीं हैं। आप बुंदेली बोली के साहित्यिक परिशिष्ट 'मीठी निंबौरी' की पांच वर्ष तक संपादक रहीं हैं। बुंदेली रामायन का भी आपने सृजन किया है। आपकी कृति 'आयाम जिंदगी के' नयन ने मध्य प्रदेश की 2020 की चर्चित पुस्तकों में अपना स्थान बनाया है। आप आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन की संस्थापक एवं अध्यक्ष भी हैं।
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