एक समंदर मेरे अंदर का भव्य विमोचन
      01 October 2023

बिंदु पांडे
एक समन्दर मेरे अन्दर रचनाकार कुसुम सिंह अविचल, कानपुर की काव्य कृति का शानदार भव्य लोकार्पण सम्पन्न
कानपुर की वरिष्ठ साहित्यकार,प्रख्यात कवयित्री डा०कुसुम सिंह "अविचल" की स्वरचित कविता संग्रह "एक समन्दर मेरे अन्दर" का गरिमामय लोकार्पण उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान,लखनऊ के निराला सभागार में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ..कार्यक्रम की गरिमापूर्ण अध्यक्षता संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष,वरिष्ठ साहित्यकार,पूर्व राजनेता श्रद्धेय उदय प्रताप सिंह जी एवम मुख्य अतिथि वरिष्ठ लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार आदरणीय पद्मश्री डा०विद्या बिंदु सिंह जी रही।दोनो वरिष्ठ महान विभूतियों की महनीय उपस्थिति ने कार्यक्रम को नव्य भव्यता प्रदान की..संस्थान की प्रधान सम्पादक परम विदुषी डा०अमिता दुबे के पुस्तक पर केंद्रित मुख्य वक्तव्य ने पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम को गहराई प्रदान की।
पूरे देश से पधारे सुधी साहित्य शिक्षाविद मनीषियों, वरिष्ठ लब्धप्रतिष्ठ रचनाकारों, समीचीन समीक्षक, समालोचक महानुभावों, की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाया।इस क्रम में आगरा से परम आदरणीय डा०सोम ठाकुर, गाजियाबाद से परम विदुषी डा०रमा सिंह,फर्रुखाबाद से परम आदरणीय डा० शिवओम अम्बर, कानपुर से आदरणीया डा०प्रेम कुमारी मिश्र उपस्थित रहे..सबका पुस्तक पर केंद्रित समीक्षात्मक श्रेष्ठ वक्तव्य ने लोकार्पण कार्यक्रम को सार्थकता देकर एक नई ऊंचाई प्रदान की..
कार्यक्रम के श्रेष्ठ सुगढ़ संचालन की बागडोर देश के प्रख्यात श्रेष्ठतम साहित्य मनीषी मंच संचालकों में से एक डा० शिवओम अंबार जी ने संभाली..उनके कुशल संचालन में कार्यक्रम ने सफलता के प्रतिमान स्थापित कर दिए।
कार्यक्रम का प्रारम्भ मां सरस्वती पूजन व वाणी वंदना से हुआ।तत्पश्चात संस्था की संस्थापिका व पुस्तक की रचनाकार डा० कुसुम सिंह अविचल ने अति आत्मीय स्वागत उद्बोधन के साथ संचालन की बागडोर डा०शिवओम अम्बर जी को सौप दी..सभी अतिथियों का बैज अलंकरण संस्था की सहयोगी ऋषि श्रीवास्तव,स्नेह श्रीवास्तव,श्रद्धा सिंह व धवल प्रताप सिंह द्वारा किया गया..तत्पश्चात मंचस्थ अतिथियों के कर कमलों द्वारा प्रतीक पुस्तक का अनावरण संग पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ.
पूरा प्रेक्षागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा..
मंचस्थ अतिथियों के काव्यकृति व कृतिकार पर केंद्रित अपने समीक्षात्मक सारगर्भित विचार रखे..
मंच के साथ साथ सभागार भी श्रेष्ठ सुधी रचनाकारों की गरिमामय उपस्थिति से शोभायमान रहा..कार्यक्रम के संरक्षक आ० महेश अस्थाना,कार्यक्रम प्रभारी डा०मनोज अग्रवाल,संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आ०भूदत्त शर्मा,कानपुर से आ०हरि लाल मिलन,आ०अशोक गुप्त अचानक,डा० नारायणी शुक्ला सहित लखनऊ से वरिष्ठ साहित्यकार मनीषियों सहित पूरा साहित्य परिवार ने अपना अमूल्य समय देकर सबको मन से सुनकर पूरे आयोजन को एक विशेषता प्रदान की पूरा सभागार सबकी महत्वपूर्ण उपस्थिति से भरा रहा।उत्कृष्ट कोटि के अति सुंदर व शानदार कार्यक्रम को सबने सराहा। अंत में राष्ट्रीय गान संग कार्यक्रम को विराम दिया गया..
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