अपराजिता साहित्य के अविस्मरणीय स्त्री चरित्र विषय पर आयोजित व्याखानमाला का पाँचवाँ व्याख्यान
      06 December 2024

Rajeev Mishra
लिटरेरी एक्टिविटी क्लब क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर द्वारा अपराजिता साहित्य के अविस्मरणीय स्त्री चरित्र विषय पर आयोजित व्याखानमाला का पाँचवाँ व्याख्यान 6/12/2024 को वेस्टकॉट सेंट्रल लाइब्रेरी में संपन्न हुआ

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के रूप में बंगाली साहित्य की स्वतंत्र लेखिका शर्मिष्ठा बैनर्जी जी उपस्थित थी । कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने की । कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य ,उप प्राचार्य व मुख्य अतिथि का स्वागत पौधा भेट करके किया गया । तत्पश्चात महाविद्यालय की केमिस्ट्री विभाग की अध्यापिका डॉ अनिन्दिता भट्टाचार्य द्वारा सभी छात्रों को मुख्य अतिथि का परिचय प्राप्त हुआ । शर्मिष्ठा बैनर्जी ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली साहित्य की जानकारी देने के साथ की तथा आशापूर्णा देवी की तत्कालीन परिस्थिति का वर्णन किया , वे उस समय की लेखिका थी जब लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगाया जाता था फिर भी उन्होंने अपने माता - पिता की मदद से स्वयं की प्रतिभा के बल पर पढ़ना व लिखना सीखा जो उनको स्वयं ही एक अपराजित बनाता है । उन्होंने बचपन से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था तथा आगे चलकर इन्होंने कई कहानियाँ व उपन्यास भी लिखे । भारत सरकार ने उन्होंने उनकी रचना कौशल के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार तथा पद्मश्री से सम्मानित किया । आशापूर्णा देवी सभी स्त्रियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है तथा वे हमको अनंतकाल तक संघर्षों से लड़कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेंगी ।
मुख्य वक्ता के भाषण पर आलोच्य टिप्पणी हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक व हमारे महाविद्यालय के अध्यापक अवधेश मिश्र जी ने किया । उन्होंने बंगाली साहित्य की प्रारम्भिक लेखिका चंद्रावती के बारे में बताया तथा उनकी रचना "चंद्रावती रामायण " का विस्तृत परिचय प्रदान किया । महाविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यापक प्रो. नाजिर हुसैन ने भी मुख्य वक्ता के भाषण पर अपने विचार प्रकट किये ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जहां अतिथियों का स्वागत पौधों से किया गया वही अंत में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर प्राचार्य द्वारा सम्मानित किया गया । औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन बी ए प्रथम वर्ष की छात्रा उन्नति मेहरोत्रा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन बी ए की ही छात्रा अपराजित सिंह ने किया । इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक , विद्यार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहे।
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